हाइयूरिसीमिया (Hyperuricemia) यानी यूरिक एसिड का बढ़ना आजकल एक आम समस्या बन गई है। जोड़ों में दर्द, गाउट (Gout) की शिकायत और किडनी स्टोन का एक बड़ा कारण यही है। अगर आपके शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ गया है, तो सही डाइट, लाइफस्टाइल और आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर इसे कंट्रोल किया जा सकता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि यूरिक एसिड बढ़ने पर किन चीजों से परहेज करें, क्या खाएं और कैसे प्राकृतिक तरीके से इसे मैनेज करें।

यूरिक एसिड क्या है और क्यों बढ़ता है?
यूरिक एसिड शरीर में प्यूरीन (Purine) नामक प्रोटीन के टूटने से बनता है। सामान्यतः यह किडनी द्वारा फिल्टर होकर यूरिन के जरिए बाहर निकल जाता है। लेकिन जब:
– किडनी सही से फिल्टर न कर पाए
– प्यूरीन युक्त foods ज्यादा खाए जाएं
– मेटाबॉलिज्म (चयापचय) खराब हो
तब यूरिक एसिड शरीर में जमा होने लगता है, जिससे जोड़ों में क्रिस्टल्स बनकर दर्द (Gout) होता है।
यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण:
- पैर के अंगूठे, घुटनों या एड़ियों में तेज दर्द
- जोड़ों में सूजन और लालिमा
- त्वचा के नीचे गांठ (Tophi)
- यूरिन करने में परेशानी (किडनी स्टोन का संकेत)
यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या न खाएं? (Foods to Avoid)
1. अंडा और नॉन-वेज
अंडे की जर्दी (Egg Yolk) और रेड मीट (गोश्त) में प्यूरीन की मात्रा बहुत अधिक होती है। ये सीधे यूरिक एसिड को बढ़ाते हैं। समुद्री मछली (जैसे सार्डिन, टूना) भी न लें।
2. दही और भारी डेयरी प्रोडक्ट्स
आयुर्वेद के अनुसार, दही “अभिष्यंदी” (कफ बढ़ाने वाला) होता है। यह पाचन को धीमा करके यूरिक एसिड के उत्पादन को बढ़ाता है। खासकर रात में दही खाने से बचें।
3. हाई-प्यूरीन वाली सब्जियां
- पालक
- मटर
- फूलगोभी और बंदगोभी
- भिंडी
- अरबी (कचालू)
4. प्रोसेस्ड फूड और शुगर
- बेकरी आइटम्स (केक, पेस्ट्री)
- कोल्ड ड्रिंक्स और पैक्ड जूस
- चॉकलेट और आइसक्रीम
5. अल्कोहल और कैफीन
बीयर और वाइन यूरिक एसिड को बढ़ाते हैं। कॉफी की अधिक मात्रा भी नुकसानदायक है।
यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए क्या खाएं? (Best Foods)
1. फाइबर युक्त आहार
- खीरा, ककड़ी, लौकी, तोरई
- सेब, नाशपाती, चेरी
- जौ (Barley) और गेहूं का दलिया
2. विटामिन सी से भरपूर फल
- संतरा, मौसंबी, कीवी
- अमरूद और स्ट्रॉबेरी
3. डिटॉक्स ड्रिंक्स
- अजवाइन का पानी
- धनिया के बीज का काढ़ा
- सौंफ-मेथी की चाय
4. हेल्दी फैट्स
- अलसी के बीज
- अखरोट
- ऑलिव ऑयल
आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय
1. त्रिफला चूर्ण
रात को गर्म पानी के साथ 1 चम्मच त्रिफला लें। यह कब्ज दूर करके यूरिक एसिड को नैचुरली कम करेगा।
2. गिलोय का जूस
सुबह खाली पेट 2 चम्मच गिलोय जूस लें। यह मेटाबॉलिज्म ठीक करता है।
3. अदरक-हल्दी की चाय
1 कप गर्म पानी में अदरक और हल्दी डालकर पिएं। यह इंफ्लेमेशन कम करेगी।
योग और एक्सरसाइज
1. पवनमुक्तासन सीरीज
सुबह 15-20 मिनट योग करें। विशेष रूप से ये आसन करें:
– पवनमुक्तासन (हवा निकालने वाली मुद्रा)
– भुजंगासन (कोबरा पोज़)
– अर्धमत्स्येन्द्रासन (स्पाइन ट्विस्ट)
2. प्राणायाम
- अनुलोम-विलोम
- कपालभाति
लाइफस्टाइल टिप्स
- सुबह जल्दी उठें: आयुर्वेद के अनुसार, सुबह 5 बजे तक मल त्याग कर लेना चाहिए। इससे “वात दोष” संतुलित रहता है।
- खूब पानी पिएं: दिन में 3-4 लीटर पानी जरूर पिएं। इससे यूरिक एसिड यूरिन के जरिए बाहर निकलेगा।
- वजन कंट्रोल करें: मोटापा यूरिक एसिड बढ़ने का एक कारण है। रोज 30 मिनट वॉक करें।
निष्कर्ष
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए डाइट में प्यूरीन युक्त चीजें कम करें, खूब पानी पिएं और नियमित योग करें। आयुर्वेदिक उपाय जैसे त्रिफला और गिलोय भी फायदेमंद हैं। अगर समस्या गंभीर है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
ध्यान दें: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
External Links for Reference:
– NIH Research on Gout and Diet
– Ayurvedic Management of Uric Acid
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