Tag: आयुर्वेद
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9th June 1986 : The Dawn of the AIDS
HIV/AIDS: A Journey Through Science, Controversy, and Alternative Perspectives On June 9, 1986, the first official AIDS-related death was recorded, marking a grim milestone in global health history. Decades later, the discourse around HIV/AIDS remains fraught with scientific, political , and cultural debates—from Thabo Mbeki’s denialism to Ayurveda’s immunity-centric approach. This article unpacks these perspectives,…
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वजन घटाना
मोटापा आजकल एक आम समस्या बन गया है अतः वजन घटाना (Weight Loss) बहुत सर्च होता है। बढा वजन न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। खासकर, हाइपोथायरायडिज्म जैसी स्थितियों में वजन बढ़ना एक सामान्य चुनौती है। लेकिन, सिर्फ हाइपोथायरायडिज्म ही नहीं, तनाव, गलत खान-पान,…
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स्तन और अंडकोष में गांठ: आयुर्वेदिक समाधान
परिचयमानव शरीर में गांठ या सिस्ट का बनना एक आम समस्या है, लेकिन यह अक्सर चिंता का कारण बन जाता है। महिलाओं में **फाइब्रोएडीनोमा** (स्तन की गांठ) और पुरुषों में **टेस्टिकुलर सिस्ट**, **हाइड्रोसील**, या **इंग्वाइनल हर्निया** जैसी समस्याएँ शारीरिक संरचना और हार्मोन्स के अंतर के कारण अलग-अलग होती हैं। यह लेख इन सभी स्थितियों को…
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27 अप्रैल 1994 : दक्षिण अफ्रीका में पहली बार हर रंग के लोगों ने वोट दिया
27 अप्रैल 1994 का दिन इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। इसी दिन दक्षिण अफ्रीका में पहली बार नस्ल, रंग या जाति से परे जाकर सभी नागरिकों को मतदान का अधिकार मिला। यह दिन ‘फ्रीडम डे’ के रूप में भी जाना जाता है, जो दक्षिण अफ्रीका के लोकतांत्रिक इतिहास की एक नई…
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विश्व हेमोफीलिया दिवस और आयुर्वेद
हेमोफीलिया – आयुर्वेद की दृष्टि से रक्तस्राव विकारों की समझ हर वर्ष 17 अप्रैल को पूरी दुनिया में विश्व हेमोफीलिया दिवस (World Hemophilia Day) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य है लोगों को हीमोफीलिया और अन्य रक्तस्राव संबंधी विकारों के बारे में जागरूक करना, ताकि समाज में पीड़ितों को न केवल पहचान और इलाज…
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नेत्रज्योति बढाने के 6 आयुर्वेदिक उपाय – 6 Ayurvedic Tips for Eyesight Improvement
आज की डिजिटल जीवनशैली में, नेत्रज्योति का कम होना एक आम समस्या बन गई है। विशेष रूप से 40 की उम्र के बाद, जब Presbyopia यानि ‘बूढ़ी आँख’ की समस्या का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति आँखों के लेंस के कठोर और कम लचीला होने के कारण उत्पन्न होती है, जिससे पढ़ने में दिक्कत…
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कब्ज का परमानेंट इलाज!
आयुर्वेदिक समाधान से स्वस्थ जीवन! कब्ज, जिसे कोष्टबद्धता भी कहते हैं, एक आम समस्या है जो अक्सर अनदेखी रह जाती है। यदि आप मलत्याग में कठिनाई, मल का कड़ा होना, या मल का रंग भूरा या काला होना जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो यह समय है आयुर्वेदिक उपायों की ओर रुख करने का,…
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साइटिका के दबी हुई नसों को खोलने का अचूक उपाय – आयुर्वेद से !
परिचय साइटिका एक दर्दनाक स्थिति है जो पीठ के निचले हिस्से से पैरों तक फैलती है। यह तब होता है जब साइटिका तंत्रिका, जो शरीर की सबसे बड़ी नस है, दब जाती है या क्षतिग्रस्त हो जाती है। साइटिका के लक्षणों में दर्द, सुन्नता, झुनझुनाहट और कमजोरी शामिल हैं। इसे आयुर्वेद में गिध्रसी कहा गया…
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आयुर्वेद ज्ञान – लिवर (Liver) को हमेशा जवान कैसे रखें?
लीवर फिट तो अधिकतर बीमारियां दूर। ### लीवर स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक सुझाव लिवर की बात चली तो एक वाकया याद आया। एक समय की बात है, एक साधू बाबा के पास लोग अपनी शारीरिक समस्याओं के समाधान के लिए जाया करते थे। वे सभी को अपने हवन कुंडों की भभूत देते थे और कहते…
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क्या मैं अश्वगंधा, शतावर, सफेद मूसली, कौंच के बीज का चूर्ण गर्मी के सीजन में उपयोग कर सकता हूँ?
आयुर्वेद में किसी जड़ी-बूटी का आंकलन रस, गुण, वीर्य, विपाक और कर्म के आधार पर होता है। इन जड़ी-बूटियों (अश्वगंधा, शतावर, सफेद मूसली तथा कौंच बीज) के इन गुणों को समझकर हम यह निर्णय ले सकते हैं कि गर्मियों में इनका उपयोग लाभकारी है या नहीं।तो चलें अश्वगंधा, शतावर, सफेद मूसली और कौंच बीज का…