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अहिंसा परमो धर्मः’ का मूल स्रोत एवं ‘धर्म हिंसा तथैव च’ की प्रामाणिकता
1. मूल उद्धरण का स्रोत 2. “धर्म हिंसा तथैव च” की प्रामाणिकता 3. निष्कर्ष सुझाव: इस प्रकार, अहिंसा को परम धर्म मानने की मूल भावना ही प्रामाणिक है, न कि हिंसा को धर्म से जोड़ने का विचार। सही क्या है? तिब्बत देश की दुर्गति सभी ने देखा। Biology में पढाते – सभी प्राणी के survival…