Author: Vaid Ajit Karan
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विश्व पुस्तक दिवस 23 अप्रैल : आयुर्वेद ज्ञान के संरक्षण का दिन
हर साल 23 अप्रैल को मनाया जाने वाला **विश्व पुस्तक दिवस**आयुर्वेद वालों के लिये पुस्तकों के महत्व और आयुर्वेद ज्ञान के संरक्षण की अहमियत को रेखांकित करता है। यह दिन शेक्सपियर, सर्वंत्स जैसे महान साहित्यकारों की याद दिलाता है, लेकिन भारत की बात करें तो यह हमें **आयुर्वेद** जैसी प्राचीन विद्या के सैकड़ों ग्रंथों की…
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22 अप्रैल – पृथ्वी दिवस: प्रकृति और आयुर्वेद की पुकार
आज जब पूरी दुनिया 22 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस के रूप में मना रही है, तब यह सवाल उठता है – क्या हम सचमुच अपनी धरती की देखभाल कर रहे हैं? और क्या आयुर्वेद इस दिशा में कोई मार्गदर्शन करता है? याद रखें – पृथ्वी हमारा शरीर है। पृथ्वी दिवस का इतिहास और उद्देश्य…
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20 अप्रैल 1902 – मैडम क्यूरी द्वारा रेडियम की खोज: कैंसर उपचार
**परिचय:** साल 1902 का 20 अप्रैल का वह दिन कैंसर उपचार के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया, जब मैरी क्यूरी और उनके पति पियरे क्यूरी ने *रेडियम* नामक एक रहस्यमय तत्व को खोज निकाला। यह खोज न केवल रसायन विज्ञान के लिए, बल्कि चिकित्सा, ऊर्जा और परमाणु शोध के क्षेत्र में भी एक…
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विश्व हेमोफीलिया दिवस और आयुर्वेद
हीमोफीलिया – आयुर्वेद की दृष्टि से रक्तस्राव विकारों की समझ हर वर्ष 17 अप्रैल को पूरी दुनिया में विश्व हीमोफीलिया दिवस (World Hemophilia Day) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य है लोगों को हीमोफीलिया और अन्य रक्तस्राव संबंधी विकारों के बारे में जागरूक करना, ताकि समाज में पीड़ितों को न केवल पहचान और इलाज…
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**भारत में रेलवे की शुरुआत: गौरवशाली इतिहास या औपनिवेशिक लूट का साधन?**
### **भूमिका: एक ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत** 16 अप्रैल, 1853 —भारत में रेलवे की शुरुआत ! भारतीय इतिहास का वह दिन जब बम्बई (मुंबई) के **बोरी बंदर** से ठाणे के बीच चली पहली रेलगाड़ी ने न केवल यातायात क्रांति की नींव रखी, बल्कि औपनिवेशिक शोषण के एक नए अध्याय का भी सूत्रपात किया। यह आलेख इसी…
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करतारपुर साहिब भारत में क्यों नहीं है ?
पकिस्तान में स्थित भारत और पाकिस्तान की सीमा से सटी एक ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर — करतारपुर साहिब गुरुद्वारा — भारतीय श्रद्धालुओं के हृदय के अत्यंत समीप है पर यह करतारपुर साहिब भारत में क्यों नहीं है ? इस प्रश्न का उत्तर हमें इतिहास की उन गलियों में ले जाता है जहाँ वर्ष 1947 का…
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बिना दवा कैंसर इलाज: Budwig Therapy और आयुर्वेद
क्या बिना दवा कैंसर इलाज बिना कीमोथेरेपी या दवाओं के संभव है? जर्मन वैज्ञानिक डॉ. जोहाना बुड की यह थैरेपी दुनिया भर में चर्चा का विषय बन चुकी है। आइए जानें इसके पीछे की सोच और आयुर्वेद का नजरिया।” कैंसर के रोगी के उपचार में कितनी तकलीफें आती हैं। भयंकर पीड़ा सहन करनी पड़ती हैं।…
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नववर्ष संकल्प
अंग्रेजों ने बहुत कुकर्म किये, कुछ बातों में हमसे आगे थे न इसका नाजायज लाभ उठाये। पर हमारी संस्कृति सिखाती दुश्मन के भी गुण को अपनाना। एक की चर्चा करूं – New Year Resolution (नववर्ष संकल्प), नये साल में कुछ अच्छा करने का सौगन्ध। आज (30 मार्च 2025) हिन्दु नववर्ष 2082 है – वर्ष प्रतिपदा।…
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**अमर शहीद भगत सिंह: क्रांति की बंदूक और विचारों की कलम**
*”मैं एक इंसान हूँ, और जो कुछ मानवता के हित में है, उसके बारे में सोचने का अधिकार मेरा है।”* — शहीद भगत सिंह यह आलेख भगत सिंह को एक सशस्त्र क्रांतिकारी और विचारक के रूप में पेश करता है, जिनकी दृष्टि आज भी भारत के सामाजिक-आर्थिक संघर्षों को दिशा दे सकती है। उनकी कलम…
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# होलिका दहन – परम्परा, पौराणिक तथ्य तथा आयुर्वेदिक महत्व
होली का त्योहार भारत के सबसे प्रमुख और रंगीन त्योहारों में से एक है। यह त्योहार न केवल अपने रंग-बिरंगे उत्सव के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके पीछे छिपे पौराणिक और आयुर्वेदिक महत्व भी हैं। होलिका दहन, जो होली से एक दिन पहले मनाया जाता है, इस त्योहार का एक अहम हिस्सा है। आइए,…