प्रस्तावना
शिलाजीत, आयुर्वेद की एक अद्वितीय देन, जिसका उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में व्यापक रूप से किया गया है, एक बहुमूल्य प्राकृतिक औषधि है। यह न केवल हमारी कामशक्ति को बढ़ाने में सहायक है, बल्कि कई अन्य गंभीर रोगों के उपचार में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान है। शिलाजीत के बारे में प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में जो जानकारियां दी गई हैं, वे आज भी प्रासंगिक हैं और इसका सही उपयोग आपको कई शारीरिक समस्याओं से बचा सकता है।
**शिलाजीत के गुण और इसके उपयोग:**
शिलाजीत के दो प्रमुख रूप आयुर्वेद में वर्णित हैं: कच्चा शिलाजीत और शोधित शिलाजीत। इन दोनों के अपने-अपने लाभ और उपयोग होते हैं।
1. **कच्चा शिलाजीत**: इसे पानी में घोल कर कचङे निकाल, फिर पानी सुखा के प्राप्त करने के बाद ही उपयोग में लाया जाता है। इसे कामशक्ति बढ़ाने के लिए दूध में घोलकर सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसके सेवन से शारीरिक ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है, जिससे आपके दैनिक कार्यों में भी सुधार होता है। शिलाजीत में प्राकृतिक रूप से उपस्थित मिनरल्स और अन्य पोषक तत्व आपके शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं। धातुपुष्टक चूर्ण में यह जरीबूटियों के साथ डाला जाता है।
2. **शोधित शिलाजीत**: यह शिलाजीत का शास्त्रोक्त तरीके से शोधन किया गया रूप है। इसे पित्ताशय की पथरी को गलाने के लिए प्रभावी माना जाता है। अगर आपको पित्ताशय में पथरी की समस्या है, तो आयुर्वेद के अनुसार, शोधित शिलाजीत का नियमित सेवन ताजे जल के साथ करने से इसका असर देखने को मिल सकता है। शोधित शिलाजीत का उपयोग न केवल पथरी के लिए बल्कि अन्य कई आयुर्वेदिक औषधियां बनाने में भी किया जाता है। शिलाजित्वादि वटी बनाने में यह एक घटक द्रव्य है।

**मधुमेह में शिलाजीत का उपयोग**:
शिलाजीत का एक और प्रमुख उपयोग मधुमेह के उपचार में है। हालांकि, यह केवल नए मामलों में ही अधिक प्रभावी होता है। शोधित शिलाजीत का सेवन चांदी भस्म और त्रिबंग भस्म के साथ करने से पैंक्रिया के सक्रिय होने में मदद मिलती है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। शोध के अनुसार, शिलाजीत में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो शरीर की कोशिकाओं को क्षति से बचाते हैं और शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखते हैं।
**उदर रोगों में शिलाजीत भस्म का उपयोग**:
शिलाजीत भस्म का उल्लेख आयुर्वेद में मुख्यतः उदर रोगों के उपचार के लिए किया गया है। इसका उपयोग विशेष रूप से हिंगवाष्टक चूर्ण के साथ करने की सलाह दी जाती है। अगर आप लंबे समय से पेट की समस्याओं से परेशान हैं, तो शिलाजीत भस्म का सही तरीके से उपयोग आपको राहत दिला सकता है। यह आपके पाचन तंत्र को मजबूत करता है और पेट की गैस, एसिडिटी और अन्य समस्याओं में आराम दिलाता है।
**शिलाजीत की गुणवत्ता और खरीद**:
शिलाजीत के नाम पर बाजार में कई नकली और मिलावटी उत्पाद भी मिलते हैं, इसलिए इसे सही स्रोत से खरीदना अत्यंत महत्वपूर्ण है। शुद्ध और प्रभावी शिलाजीत प्राप्त करने के लिए, इसे सीधे आयुर्वेदिक चिकित्सक या विश्वसनीय स्रोत से ही लेना चाहिए। मैं स्वयं शिलाजीत का शोधन कर उच्च गुणवत्ता का शिलाजीत चूर्ण और भस्म भारत और विदेशों में पार्सल द्वारा भेजता हूं।
आयुर्वेद की इस अनमोल औषधि को सही तरीके से उपयोग में लाने से आपके जीवन में स्वास्थ्य और ऊर्जा का संचार हो सकता है। शिलाजीत न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी आपको मजबूती प्रदान करता है।
इसलिए, यदि आप अपने जीवन में शक्ति, ऊर्जा और स्वास्थ्य का अनुभव करना चाहते हैं, तो शिलाजीत का प्रयोग जरूर करें, लेकिन इसे हमेशा सही मात्रा में और शुद्ध रूप में ही उपयोग करें। शिलाजीत के लाभों का सही से अनुभव करने के लिए इसकी शुद्धता और गुणवत्ता का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है।
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