हर वर्ष 8 मई को मनाया जाने वाला ‘अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस दिवस’ केवल एक तारीख नहीं है, बल्कि यह एक विचार है—एक भावना है—जो हमें यह सिखाती है कि करुणा, निस्वार्थ सेवा और मानवता की शक्ति दुनिया को बदल सकती है।
हेनरी ड्यूनेंट की दूरदर्शिता: एक विचार जिसने मानवता को दिशा दी

1859 में, स्विस व्यापारी हेनरी ड्यूनेंट इटली के सोल्फेरिनो युद्धक्षेत्र से गुज़रे। वहां उन्होंने हजारों घायल सैनिकों को बिना किसी सहायता के तड़पते देखा। इस ह्रदयविदारक अनुभव ने उन्हें इतना झकझोर दिया कि उन्होंने बिना किसी भेदभाव के घायलों की सेवा का बीड़ा उठाया। इसी प्रेरणा से उन्होंने 1862 में पुस्तक “A Memory of Solferino” लिखी, जिसमें दो प्रस्ताव रखे:
• हर देश में एक स्वयंसेवी संस्था हो जो युद्ध में घायल सैनिकों की सेवा कर सके।
• चिकित्सा कर्मियों और घायलों की सुरक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय संधि की आवश्यकता हो।
यही बीज था जिसने 1863 में International Committee of the Red Cross (ICRC) के रूप में आकार लिया।
8 मई: सिर्फ तारीख नहीं, प्रेरणा का प्रतीक
रेड क्रॉस दिवस हेनरी ड्यूनेंट के जन्मदिन पर मनाया जाता है। 1901 में उन्हें पहला नोबेल शांति पुरस्कार भी मिला। यह दिन उनके महान विचारों और मानव कल्याण के लिए उनके योगदान की स्मृति है।
- रेड क्रॉस आंदोलन: दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय नेटवर्क

रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट आंदोलन आज एक वैश्विक शक्ति है जिसमें तीन प्रमुख अंग शामिल हैं:
• ICRC (International Committee of the Red Cross): युद्ध और हिंसक संघर्षों में पीड़ितों की सहायता करता है।
• IFRC (International Federation of Red Cross and Red Crescent Societies): आपदाओं और स्वास्थ्य संकटों में मदद करता है।
• राष्ट्रीय सोसाइटियाँ: जैसे भारत में Indian Red Cross Society (IRCS), जो स्थानीय स्तर पर राहत और स्वास्थ्य सेवाएं देती हैं।
सात सिद्धांत: रेड क्रॉस की रीढ़
रेड क्रॉस आंदोलन के सात मूलभूत सिद्धांत हैं:
• मानवता
• निष्पक्षता
• तटस्थता
• स्वतंत्रता
• स्वैच्छिक सेवा
• एकता
• सार्वभौमिकता
ये सिद्धांत यह सुनिश्चित करते हैं कि मदद बिना किसी भेदभाव के, ज़रूरत के आधार पर दी जाए।

सिर्फ युद्ध ही नहीं, हर आपदा में साथ
रेड क्रॉस का कार्यक्षेत्र आज युद्धों तक सीमित नहीं है। यह संगठन:
• भूकंप, बाढ़ और महामारी जैसी आपदाओं में राहत पहुंचाता है।
• टीकाकरण और रक्तदान अभियानों को बढ़ावा देता है।
• युवाओं में जागरूकता और प्राथमिक चिकित्सा शिक्षा का कार्य करता है।
• शरणार्थियों और बेघर लोगों को मदद पहुंचाता है।

भारत और अमेरिका में रेड क्रॉस की भूमिका
भारत में IRCS सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है, वहीं अमेरिका में American Red Cross ब्लड बैंक, आपदा प्रबंधन, और CPR प्रशिक्षण के लिए जाना जाता है। खासकर COVID-19 महामारी के समय, रेड क्रॉस ने दोनों देशों में अभूतपूर्व सेवाएं दीं।
क्यों जरूरी है यह दिन?
• यह दिन हमें दया, संवेदना और सेवा की याद दिलाता है।
• हमें सिखाता है कि मदद करने के लिए केवल इच्छा की जरूरत होती है, संसाधन बाद में जुटते हैं।
• यह प्रेरणा देता है कि छोटी-छोटी मददें भी जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती हैं।
सुझाव: आप क्या कर सकते हैं?
• रेड क्रॉस से जुड़ें: स्वयंसेवक बनें, रक्तदान करें या सहयोग राशि दें।
• मानवीय मूल्यों को बढ़ावा दें: अपने समुदाय में सेवा की भावना को फैलाएं।
• अपने बच्चों और युवाओं को प्रेरित करें: उन्हें रेड क्रॉस के इतिहास और मूल्यों से अवगत कराएं।
निष्कर्ष: सेवा ही सच्चा धर्म है
रेड क्रॉस दिवस हमें यह याद दिलाता है कि जब दुनिया विभाजन और संघर्षों से जूझ रही हो, तब भी करुणा और सेवा का दीप जलता रह सकता है। आइए, इस 8 मई को हम सभी यह संकल्प लें कि हम जहां हैं, वहीं से किसी ज़रूरतमंद की मदद का प्रयास ज़रूर करेंगे।
क्योंकि मदद का कोई धर्म, रंग या सीमा नहीं होती — केवल मानवता होती है।
Leave a Reply