सब्जी से पहले एक फल की चर्चा करना चाहूंगा जो आसानी से उपलब्ध है तथा अच्छा परिणाम देता है।
### तरबूज: कामशक्ति (स्तम्भन, लिंगोत्थान) और स्वास्थ्य के लिए एक प्राकृतिक उपाय
आयुर्वेद के अनुसार, तरबूज एक ऐसा फल है जो न केवल हमारे शरीर को ठंडक पहुंचाता है, बल्कि लिंगोत्थान और स्तंभन में भी लाभकारी होता है। गर्मियों के मौसम में जब तापमान उच्च होता है, तबकेतब तरबूज का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हो सकता है। यह फल वजन में 2 से 10 किलो तक होता है और इसका मोटा हरा छिलका हटा कर, भीतर का लाल गुद्दा और रस का सेवन करना चाहिए।

### तरबूज के लाभकारी गुण
1. **कामशक्ति वर्धक**: तरबूज का सेवन करने से कामशक्ति वर्धक दवाओं की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इसमें प्राकृतिक रूप से मौजूद एल-आर्जिनिन नामक अमीनो एसिड होता है, जो रक्त परिसंचरण को सुधारता है और लिंगोत्थान में सहायक होता है तथा स्तम्भन बढाता है।
2. **शरीर की ठंडक**: तरबूज में 92% पानी होता है, जो हमारे शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। गर्मियों में तरबूज का सेवन करने से शरीर की गर्मी कम होती है और हमें ताजगी महसूस होती है।
3. **पोषण का खजाना**: तरबूज विटामिन ए, बी6 और सी से भरपूर होता है। इसमें लाइकोपीन नामक एंटीऑक्सीडेंट भी होता है, जो हृदय स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है।
### सेवन के तरीके
तरबूज का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है:
1. **साधारण रूप से**: तरबूज के लाल गुद्दा को सीधे खाने से हमें अधिकतम पोषक तत्व मिलते हैं।
2. **रस के रूप में**: यदि तरबूज के गुद्दे को पेड़ाई कर के लाल रस निकालें और इसे गर्म कर सेवन करें, तो यह और भी अधिक लाभकारी होता है। यह शीघ्र लिंगोत्थान में मदद करता है, जैसे आयुर्वेदिक निरापद नियाग्रा।
### सहजन और कटहल के लाभ
तरबूज के अलावा, सहजन (शिघ्रु, मुनगा, डाटा) की सब्जी और कटहल की सब्जी भी लिंगोत्थान और स्तंभन के लिए लाभकारी मानी जाती हैं। सहजन की पत्तियों और फलियों में आयरन, विटामिन सी और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो यौन स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं। कटहल की सब्जी में भी कई पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं।
### सर्दियों में उड़द दाल का हलवा
सर्दियों में, जब तरबूज उपलब्ध नहीं होता है, तब उड़द दाल का हलवा एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है। उड़द दाल का हलवा आयुर्वेद में स्तंभन बढाने वाली एक प्रसिद्ध विधि है। इसमें प्रोटीन और अन्य आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो यौन स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होते हैं। सेवनीय मात्रा का निर्णय अपनी पाचनशक्ति के अनुसार व्यक्तिगत रूप से स्वयं ही बेहतर रहेगा। पचास ग्राम सुबह-शाम तो सभी के लिये सही ही रहना चाहिए।
### आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
आयुर्वेद में, विभिन्न फलों और सब्जियों का सेवन हमारी व्यक्तिगत स्थिति के अनुसार लाभकारी होता है। यह ज्ञान हमारे आयुर्वेदिक ग्रन्थों से ही लिया गया है यथा अष्टांग हृदय, अष्टांग संग्रह, चरकसंहिता । व्यक्ति के शारीरिक प्रकृति (वात, पित्त, कफ) के अनुसार वैद्यगण इस बात का निर्णय लेते हैं कि किसे कौन सा फल या सब्जी लाभदायक रहेगा। मगर तरबूज, सहजन, और कटहल की सब्जियां तो सभी के लिए लाभकारी हो सकती हैं।
आयुर्वेद में प्राकृतिक उपायों को प्राथमिकता दी जाती है, और यह फल और सब्जियां हमें बिना किसी साइड इफेक्ट के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। तरबूज और अन्य फल-सब्जियों का नियमित सेवन हमें एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने में मदद करता है।
### निष्कर्ष
तरबूज, सहजन, कटहल और उड़द दाल का हलवा आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से अत्यंत लाभकारी हैं। ये न केवल हमारे यौन स्वास्थ्य को सुधारते हैं, बल्कि हमारे समग्र स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं। इन प्राकृतिक उपायों का नियमित सेवन करके हम एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जी सकते हैं।
आयुर्वेद के इस खजाने का सही तरीके से उपयोग करके आप अपने जीवन को और भी बेहतर बना सकते हैं।
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