
*बासी रोटी*
गुण जैसे खमीरी रोटी के – सुना तो होगा आपने कभी न कभी।
उत्तर पूर्व में लोग ‘खमीरी रोटी’ बनाते, जहां गेहूं को किण्वन ( fermentation) के लिए रखा जाता है। उसकी रोटियां बाद में बनाई जाती हैं, जो बिल्कुल स्वस्थ हैं। आपके घर में बनने वाली गेहूं के आटे की रोटी को सफेद सूती कपङे में लपेट कर रोटी के खास डब्बे ( casserole) में 12 से 15 घण्टे रखा जाये तो यह भी खमीरी रोटी ही बन जाता है। प्रचलित भाषा में इसे बासी रोटी कहते हैं।
अगर आपको डायबिटीज है, तो सुबह के समय बासी रोटी को गर्म दूध के साथ खाना फायदेमंद हो सकता है। इससे आपके शरीर में शर्करा का स्तर संतुलित रहेगा।
अगर आपको ब्लडप्रेशर की समस्या है, तो बासी रोटी खाना लाभकारी होगा। यहां ठंडे दूध के साथ बासी रोटी खाने से बढ़ा हुआ रक्तचाप संतुलित रहता है।
पेट की समस्याओं और एसिडिटी से राहत के लिए भी सुबह के वक्त दूध के साथ बासी रोटी खाना काफी लाभदायक होता है।
बासी रोटी सेहत बनाने वालों के लिए भी फायदेमंद है। कई फिटनेस सेंटर और जिम में एक्सरसाइज के साथ सुबह बासी रोटी खाने की सलाह दी जाती है।
बासी रोटी को दूध के साथ खाने से पेट की बीमारियों से भी राहत मिलती है। इससे एसिडिटी, कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती है। बासी रोटी पेट के कैंसर को दूर करने में कैसे मदद कर सकती है। इस बासी/खमीरी रोटी में Resistant Starch बनता है। ऐसा नाम क्योंकि शरीर के भीतर रहने वाले digestive enzyme ( पाचक कीण्व) इसका पाचन नहीं कर पाते। मगर हमारे पेट में रहने वाले कुछ लाभदायी बैक्टेरियाओं को इसका सेवन बहुत पसंद है। सेवन करके उससे वे Butyrate तथा Propionate बनाते जो बङी आंत के लिये बहुत लाभदायी है। वे मोटापे से बचाव और आंत हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। वे बङी आंत के अस्तर में स्वस्थ कोशिका वृद्धि को बनाए रखने में मदद करते हैं और यहां तक कि सेलुलर श्रृंखला प्रतिक्रिया ( Cellular Chain Reaction) की शुरुआत को रोकते या धीमा करते हैं जिससे कोलन कैंसर की सम्भावना दूर होती है।
रोज खायें बासी रोटी। कम से कम रात का बचा हुआ रोटी तो सुबह अवश्य खायें, फेकें तो हरगिज नहीं।
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