उच्च कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड्स के स्तर को सामान्य करने के लिए आप क्या कर सकते हैं? जो कुछ बहुत आसानी से किया जा सके ऐसा, प्रस्तुत है कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज।
कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ना आजकल की जीवनशैली से जुड़ी एक आम समस्या है। यह न केवल हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करता है बल्कि अन्य गंभीर बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ाता है। ऐसे में, कुछ आयुर्वेदिक उपायों और जीवनशैली में बदलाव से आप अपने कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड्स के स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं।

1. **आयुर्वेदिक उपचार का सुझाव**
आप ताम्र भस्म सोमराजी (2 ग्राम) और कपर्दक भस्म (15 ग्राम) का मिश्रण बना सकते हैं। इस मिश्रण की 60 पुड़िया तैयार कर लें और एक पुड़िया सुबह-शाम शहद या मलाई के साथ लेने पर विचार करें। ऐसा माना जाता है कि यह न केवल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक है, बल्कि उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण आई कामशक्ति में कमी को भी सुधार सकता है।
2. **प्राकृतिक हृदय टॉनिक**
अर्जुन की छाल या छाल चूर्ण (त्वक चूर्ण) को सम्भाग दूध और पानी के साथ उबाल कर बनाए गए काढा जिसे आयुर्वेद में क्षीरपाक कहते, के साथ प्रभाकर वटी का सेवन करने से हृदय को मजबूती मिल सकती है। यह उपाय न केवल कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड्स को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, बल्कि यदि उच्च रक्तचाप की समस्या हो तो उसे भी नियंत्रित कर सकता है। यह उपाय हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक प्रभावी तरीका हो सकता है।
3. **त्रिफला गुग्गुल का सेवन**
त्रिफला गुग्गुल का सेवन भी कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड्स के स्तर को संतुलित करने के लिए फायदेमंद माना जाता है। त्रिफला गुग्गुल एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक योग, शास्त्रीय औषधि है जो शरीर में वसा के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है और इसका नियमित सेवन लंबे समय तक स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है। शरीर के स्थूलता, भारीपन के वजह से मांसपेशियों में दर्द रहता हो तो उसे भी यह दूर करेगा। यह रक्त-संचार की गति बढाता है जिससे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है जो बढे कोलेस्ट्रॉल के समय आवश्यक है।
4. **जीवनशैली में बदलाव का महत्व**
केवल आयुर्वेदिक उपाय ही नहीं, बल्कि जीवनशैली में बदलाव भी आवश्यक है। यदि आपको शुगर या उच्च रक्तचाप की समस्या है, तो इसे नियंत्रित करने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं पर विचार करें और अंग्रेजी दवाओं के सेवन को कम करने का प्रयास करें। योग, ध्यान, और नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं, क्योंकि ये उपाय हृदय स्वास्थ्य को सुधारने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
5. **लंबे समय के लिए उपाय**
जब आपका कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड्स का स्तर सामान्य हो जाए, तो उपरोक्त उपचारों को बंद कर सकते हैं। इसके बाद, त्रिफला चूर्ण का सेवन एक चम्मच सुबह-शाम गर्म पानी के साथ, नाश्ते और रात्रि भोजन के बाद शुरू कर सकते हैं। यह उपाय लंबे समय तक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को स्थिर रखने में सहायक हो सकता है। नियमित सेवन से उम्मीद की जाती है कि आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ेगा नहीं और आप स्वस्थ जीवन जी सकेंगे।
अंत में, इन उपायों को अपनाते समय किसी जानकार और अनुभवी आयुर्वेदिक वैद्य से परामर्श अवश्य करें। खासकर यदि आप आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल करने की सोच रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि दवाएं हस्तनिर्मित और गुणवत्तापूर्ण हों। सही मार्गदर्शन और नियमितता से आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और जीवन को स्वस्थ और समृद्ध बना सकते हैं।
**नोट:** यह लेख केवल सुझाव देने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी उपचार को शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें। चाहें तो मुझसे भी।
(हम अपने आयुर्वेदिक वैद्यों के समूह में ये सभी दवाइयाँ बनाते हैं – हस्तनिर्मित। भारत और विदेशों में अपने मरीजों को रजिस्टर्ड पोस्ट पार्सल / स्पीडपोस्ट द्वारा भेजे जाते हैं। संपर्क करें व्हाट्सएप और फोन +91 98351 93062)
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