भारत की साइबर सुरक्षा को लेकर हाल के दिनों में एक नई चेतावनी सामने आई है – ऑपरेशन सिन्दूर। हमारा वाला नहीं यह आतंकियों के साइबर हमले वाला आपरेशन सिन्दूर है, वे भी यही नाम उपयोग कर रहे। यह ऑपरेशन न केवल पाकिस्तान-प्रायोजित साइबर हमलों की ओर इशारा करता है, बल्कि हमारे डिजिटल बुनियादी ढांचे की कमजोरियों को भी उजागर करता है।
क्या है ऑपरेशन सिन्दूर?
हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि पाकिस्तान से जुड़े हैकर समूहों ने “ऑपरेशन सिन्दूर” नामक एक साइबर अभियान के तहत भारत के महत्वपूर्ण डिजिटल संसाधनों को निशाना बनाया। बताया जा रहा है कि इस दौरान करीब 15 लाख साइबर हमलों की कोशिशें की गईं, जिनमें से लगभग 150 हमले कुछ हद तक सफल हुए।
इन सफल हमलों में कुलगाम बदलापुर नगर परिषद की वेबसाइट हैक की गई, साथ ही छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (CSMIA) और कुछ प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों से डेटा चोरी की खबरें भी सामने आईं। यह डेटा बाद में डार्कनेट पर भी देखा गया।

क्या हमारी साइबर सुरक्षा विफल रही?
बिलकुल नहीं। भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने अधिकांश हमलों को समय रहते रोक दिया। CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) और NCIIPC (National Critical Information Infrastructure Protection Centre) जैसे संगठन सतर्क रहे और सक्रियता से कार्य करते रहे। हालांकि, कुछ घटनाएं यह स्पष्ट कर देती हैं कि खतरा अब ज्यादा जटिल और परिष्कृत होता जा रहा है।
साइबर खतरे का बदलता स्वरूप
पिछले कुछ वर्षों में साइबर अटैक के तरीके भी विकसित हुए हैं:
• मैलवेयर अटैक: वायरस, ट्रोजन या स्पाइवेयर के माध्यम से डेटा चोरी करना।
• DDoS अटैक: वेबसाइट को डाउन करने के लिए भारी मात्रा में ट्रैफिक भेजना।
• फिशिंग: नकली ईमेल या वेबसाइट के माध्यम से यूजर की जानकारी चुराना।
• डार्क वेब डेटा लीक: चोरी किए गए डेटा को गुप्त वेबसाइटों पर बेचना या फैलाना।
व्यक्तिगत स्तर पर क्या करें?
• मजबूत पासवर्ड बनाएं – हर प्लेटफॉर्म के लिए अलग और कठिन पासवर्ड रखें।
• 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का उपयोग करें।
• संदिग्ध लिंक या अटैचमेंट से बचें – अज्ञात ईमेल या मैसेज खोलने से पहले सोचें।
• विश्वसनीय एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें।
• सिस्टम और ऐप्स को नियमित रूप से अपडेट करें।
• VPN का प्रयोग करें, खासकर जब पब्लिक WiFi से जुड़ रहे हों।
• सोशल मीडिया पर सीमित और सोच-समझकर जानकारी साझा करें।
राष्ट्रीय स्तर पर क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियां लगातार साइबर सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए काम कर रही हैं:
• राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति को लागू किया गया है।
• CERT-In और NCIIPC जैसी संस्थाएं 24×7 निगरानी में हैं।
• साइबर स्वच्छता केंद्र आम नागरिकों को बॉटनेट व मैलवेयर से सुरक्षा देने वाले उपकरण मुफ्त में उपलब्ध कराता है।
• साइबर सुरक्षा मॉक ड्रिल नियमित रूप से की जाती हैं।
• अंतरराष्ट्रीय सहयोग – भारत कई देशों के साथ मिलकर साइबर खतरों का मुकाबला कर रहा है।
• जन-जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि हर नागरिक सजग हो सके।
वैसे इन सबसे आपका पाला भी पङा या नहीं आप ही जानें, मेरी तो किसी से अभी तक भेंट नहीं।
मेरा मतलब साइबर स्वच्छता केंद्र, जन-जागरूकता अभियान, आदि।
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