हर साल 26 अप्रैल को, दुनिया भर के नवप्रवर्तक/आविष्कारक, कलाकार, उद्यमी और कानूनी विशेषज्ञ **विश्व बौद्धिक संपदा दिवस** मनाने के लिए एकजुट होते हैं, WIPO से सम्बद्ध IP पर चर्चा करने। विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा 2000 में स्थापित, यह दिन बौद्धिक संपदा (IP) की भूमिका को रेखांकित करता है—जो नवाचार/आविष्कार को बढ़ावा देती है, रचनात्मकता को पोषित करती है, और आधुनिक दुनिया को आकार देती है। WIPO, जिसे विश्व बौद्धिक संपदा संगठन के नाम से भी जाना जाता है, संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है. यह बौद्धिक संपदा (IP) के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और नीति-निर्माण में एक प्रमुख भूमिका निभाता है.

विस्तार से:
• WORLD INTELLECTUAL PROPERTY ORGANISATION (WIPO) का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में स्थित है.
• यह 191 सदस्य देशों वाला एक अंतर-सरकारी संगठन है.
• WIPO का मुख्य उद्देश्य बौद्धिक संपदा के संरक्षण और विकास में मदद करना है, जिससे नवाचार (नये आविष्कार) और रचनात्मकता को बढ़ावा मिल सके.
• यह विभिन्न प्रकार की सेवाओं, जैसे कि पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट और औद्योगिक डिजाइनों से संबंधित कानूनी सहायता प्रदान करता है.
• WIPO अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा समझौतों और संधियों का प्रशासन भी करता है, जिसमें पेरिस कन्वेंशन, बर्न कन्वेंशन, और पेटेंट सहयोग संधि (PCT) शामिल हैं.
• WIPO ने भारत सहित कई देशों में बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में विकासशील देशों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किए हैं.
• WIPO बौद्धिक संपदा से संबंधित डेटा एकत्र करता है और प्रदान करता है, और इस क्षेत्र में अध्ययन और अनुसंधान भी करता है.
लेकिन यह आम लोगों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है? आइए समझते हैं।

### **बौद्धिक संपदा क्या है?**
बौद्धिक संपदा से मतलब है मानव मस्तिष्क की रचनाओं—जैसे आविष्कार, साहित्यिक कृतियाँ, डिज़ाइन, प्रतीक, नाम, और यहाँ तक कि एल्गोरिदम। इन अमूर्त संपत्तियों को **पेटेंट**, **कॉपीराइट**, **ट्रेडमार्क**, और **व्यापार रहस्य** जैसे कानूनी उपकरणों से सुरक्षित किया जाता है। कल्पना करें: अगर कोई आपकी बेस्टसेलर किताब की नकल कर सकता है, आपके स्टार्टअप के लोगो को चुरा सकता है, या आपके जीवनरक्षक आविष्कार की नकल कर सकता है, तो यह अराजकता होगी। IP अधिकार इसी अराजकता को रोकते हैं।
– **पेटेंट**: आविष्कारों की सुरक्षा (जैसे नई सोलर पैनल तकनीक)।
– **कॉपीराइट**: कलात्मक कृतियाँ (किताबें, संगीत, फिल्में)।
– **ट्रेडमार्क**: ब्रांड पहचान (एप्पल का लोगो, कोका-कोला की लिपि)।
– **व्यापार रहस्य**: गोपनीय जानकारी (KFC का रेसिपी)।
IP के बिना नवाचार ठप पड़ जाएगा। कोई क्यों अपने विचार पर वर्षों शोध करे, अगर कोई दूसरा तुरंत उससे मुनाफा कमा सकता है?

### **26 अप्रैल ही क्यों? विश्व IP दिवस की शुरुआत**
26 अप्रैल 1970 को **WIPO समझौता** लागू हुआ, जिसने IP अधिकारों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने वाली संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की स्थापना की। WIPO का लक्ष्य सिर्फ कानूनी ढाँचा बनाना नहीं, बल्कि IP को जनजीवन से जोड़ना है। हर साल, इस दिन का एक थीम होता है, जैसे **“महिलाएँ और IP: नवाचार और रचनात्मकता को गति” (2023)** या **“हरित भविष्य के लिए नवाचार” (2020)**। ये थीम IP के समाजिक चुनौतियों—लैंगिक समानता से लेकर जलवायु परिवर्तन—से जुड़ाव को उजागर करते हैं।
### **IP का प्रभाव: कला से AI तक**
IP सिर्फ कानूनी अवधारणा नहीं, बल्कि आर्थिक शक्ति है:
– अमेरिका में IP-केंद्रित उद्योग प्रति वर्ष **$7.8 ट्रिलियन** योगदान करते हैं (U.S. Chamber of Commerce)।
– पेटेंटेड दवाओं का वैश्विक बाज़ार **$1.2 ट्रिलियन** से अधिक है, जो जीवनरक्षक शोध को वित्त देता है।
– कॉपीराइट उद्योग (संगीत, फिल्म, प्रकाशन) दुनिया भर में **54 मिलियन** लोगों को रोज़गार देते हैं।
COVID-19 महामारी के दौरान, पेटेंट ने वैक्सीन विकास को गति दी। मॉडर्ना और फाइजर-बायोएनटेक ने IP सुरक्षा के बूते तकनीक साझा की, लेकिन “वैक्सीन इक्विटी” पर बहसें भी उठीं—क्या IP अधिकार वैश्विक पहुँच के साथ संतुलित हो पाएँगे?

### **चुनौतियाँ और विवाद**
IP प्रणाली निर्दोष नहीं है। आलोचकों का कहना है कि यह प्रतिस्पर्धा को दबा सकती है, ज़रूरी दवाओं तक पहुँच सीमित कर सकती है, या बड़ी कंपनियों को छोटे रचनाकारों पर वरीयता देती है। उदाहरण:
– **पेटेंट ट्रोलिंग**: कुछ कंपनियाँ नवाचार के बजाय मुकदमेबाजी के लिए पेटेंट जमा करती हैं।
– **सांस्कृतिक अपहरण**: माओरी समुदाय के *मोको* टैटू जैसे पारंपरिक ज्ञान का ट्रेडमार्क दुरुपयोग।
– **दवा तक पहुँच**: विश्व की सिर्फ **54%** आबादी को ही ज़रूरी दवाएँ उपलब्ध हैं (WHO)।
लेकिन सुधार भी हो रहे हैं। **मेडिसिन पेटेंट पूल** जैसे प्रयास HIV और COVID उपचारों को सस्ता बनाते हैं, जबकि Creative Commons लाइसेंस ज्ञान को खुले तौर पर साझा करने में करगर होंगे।
– **AI और कॉपीराइट**: अमेरिकी कॉपीराइट कार्यालय के अनुसार, AI द्वारा बनाई गई कला पर कॉपीराइट नहीं मिल सकता। लेकिन अगर मनुष्य उसमें संशोधन करे, तो? यह सवाल अभी अनुत्तरित है।
– **मेटावर्स के अधिकार**: डिजिटल फैशन या वर्चुअल ज़मीन का मालिक कौन होगा? नए कानूनी ढाँचे विकसित हो रहे हैं।
– **अंतरिक्ष में IP**: निजी कंपनियाँ चाँद पर खनन या मंगल पर कॉलोनी बनाने की योजना बना रही हैं। ऐसे में, “लूनर पेटेंट” या “स्पेस ट्रेडमार्क” जैसी अवधारणाएँ सच हो सकती हैं।
– **न्यूरो-राइट्स**: क्या भविष्य में मस्तिष्क की तरंगों (ब्रेनवेव डेटा) को पेटेंट कराया जा सकेगा? यह नैतिक बहस का विषय है।

### **निष्कर्ष: बौद्धिक संपदा समाज का आईना है**
विश्व बौद्धिक संपदा दिवस सिर्फ़ आविष्कारों का जश्न मनाने का दिन नहीं, बल्कि यह प्रतिबिंबित करने का अवसर है कि इन आविष्कारों से किसे फ़ायदा हो रहा है। जलवायु संकट, स्वास्थ्य असमानताएँ, और डिजिटल विभाजन जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए IP प्रणालियों को विकसित होना होगा। उपभोक्ता, रचनाकार, और नागरिक होने के नाते, हम सभी इस विकास में भूमिका निभाते हैं।
इस 26 अप्रैल, स्वयं से पूछें: **कैसे IP नवाचार को पुरस्कृत करते हुए समुदायों को भी सशक्त बना सकता है?** चाहे निष्पक्ष व्यापार ब्रांड्स को समर्थन देकर, खुले विज्ञान की वकालत करके, या बस कॉपीराइट का सम्मान करके—हर छोटा कदम एक न्यायपूर्ण और समृद्ध प्रणाली की ओर ले जाता है।
आखिरकार, IP का अगला अध्याय केवल वकीलों या कॉर्पोरेट्स द्वारा नहीं, बल्कि हम सभी द्वारा लिखा जाएगा।

*स्रोत:
WIPO, यूएस कॉपीराइट कार्यालय, फैशन लॉ इंस्टीट्यूट, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम।*
**समापन टिप्पणी**:
बौद्धिक संपदा एक जीवंत और बदलती हुई अवधारणा है। यह न केवल अर्थव्यवस्थाओं को चलाती है, बल्कि संस्कृति, नैतिकता, और मानवाधिकारों के साथ गहराई से जुड़ी है। इस दिवस पर, हमें यह याद रखना चाहिए कि IP का अंतिम लक्ष्य नवाचार को प्रोत्साहित करना है—चाहे वह एक छोटे किसान की खेती की तकनीक हो या एक स्टार्टअप का डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म। संतुलन और समावेशिता के साथ, IP वास्तव में एक बेहतर दुनिया का निर्माण कर सकती है।
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