नौक्चुरिया

नोक्टुरिया अर्थात रात के समय पेशाब आना, मूत्राशय की नहीं, ह्रदय की कमजोरी का लक्षण है।

नोक्टुरिया वस्तुतः हृदय और मस्तिष्क के रक्त प्रवाह में अवरोध का लक्षण है। प्रौढ़ और बुजुर्ग लोगों को सबसे अधिक परेशानीदेह होता है रात को पेशाब करने के लिए बार बार उठना । नींद खराब होने के डर से बुजुर्ग रात को सोने से पहले पानी पीने से कतराते हैं। वे सोचते हैं कि पानी पियेंगे तो पेशाब के लिए बार बार उठना पड़ेगा। वे नहीं जानते कि सोने से पहले या रात को पेशाब करने के बाद पानी नहीं पीना, प्रौढ़ और बुजुर्ग लोगों में अक्सर होने वाले प्रातःकालीन हृदयाघात या पक्षाघात का एक महत्वपूर्ण कारण है। वास्तव में, नोक्टुरिया अर्थात बार बार पेशाब आना मूत्राशय की शिथिलता की समस्या नहीं है, यह बुजुर्गों में आयु के साथ घटने वाली दिल की कार्य क्षमता के कारण होता है, क्योंकि दिल/हृदय शरीर के निचले भाग से रक्त चूसने में पर्याप्त समर्थ नहीं रहता ।

ऐसी स्थिति में दिन में जब हम खडी स्थिति में होते हैं, रक्त का प्रवाह नीचे की ओर अधिक होता है । यदि दिल कमजोर है, तो हृदय में रक्त की मात्रा अपर्याप्त हो जाती है और शरीर के निचले भाग पर दबाव बढ़ जाता है, इसीलिए प्रौढ़ और बुजुर्ग लोगों को दिन के समय शरीर के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है । जब वे रात में लेटते हैं, तो शरीर के निचले भाग को दबाव से राहत मिलती है और ऊतकों में बहुत सारा पानी जमा हो जाता है। यह पानी खून में वापस आ जाता है। यदि बहुत अधिक पानी है, तो गुर्दे पानी को अलग करने और मूत्राशय से बाहर निकालने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे, यही नोक्टुरिया का कारण है ।

इसलिए आमतौर पर सोने के लिए लेटने के बाद और पहली बार टॉयलेट जाने के बीच में लगभग तीन या चार घंटे लगते हैं। उसके बाद, रक्त में पानी की मात्रा फिर बढ़ने लगती है, तो तीन घंटे बाद फिर से टॉयलेट जाना पड़ता है।

अब सवाल उठता है कि यह ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट अटेक का एक महत्वपूर्ण कारण क्यों है? इसका जबाब यह है कि दो या तीन बार पेशाब के बाद, रक्त में पानी बहुत कम हो जाता है। सांस लेने से भी शरीर का पानी कम होता है। इसके चलते रक्त गाढ़ा और चिपचिपा होने लगता है और नींद के दौरान हृदय गति धीमी हो जाती है। गाढे रक्त और धीमे रक्त प्रवाह के कारण संकुचित रक्त वाहिका आसानी से अवरुद्ध हो जाती है ..

यही कारण है कि प्रौढ़ और बुजुर्ग लोगों को हमेशा सुबह 5 या 6 बजे के आसपास हृदयाघात या पक्षाघात होता पाया जाता है। इस स्थिति में सोते समय ही मृत्यु हो जाती है। हर किसी को बताने के लिए पहली बात यह है कि नोक्टुरिया मूत्राशय की खराबी नहीं है, यह उम्र बढ़ने की समस्या है। हर किसी को बताने के लिए दूसरी बात यह है कि बिस्तर पर जाने से पहले आपको गुनगुना पानी पीना चाहिए, और रात को पेशाब करने के लिए उठने के बाद भी फिर गुनगुना पानी पीना चाहिए। नोक्टुरिया से डरो मत, जबकि पानी न पीना आपकी जान ले सकता है। तीसरी बात यह है कि दिल की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए आपको सामान्य समय में अधिक व्यायाम करना चाहिए। मानव शरीर एक ऐसी मशीन नहीं है, जो ज्यादा इस्तेमाल होने पर खराब हो जाएगी, उलटे यह जितना अधिक इस्तेमाल होगा, उतना ही ज्यादा मजबूत होगा। अस्वास्थ्यकर भोजन, विशेष रूप से ज्यादा स्टार्च वाले और तले हुए खाद्य पदार्थ न खाएं। यदि आपको यह लेख पसंद आये, तो कृपया इसे अपने प्रौढ़ और बुजुर्ग मित्रों को अवश्य भेजें।

सूखी, बालू में भूनी, छिलके स्वयं फोङ कर खायी जाने वाली मूंगफली बहुमूत्र ( polyurea) की समस्या से आराम दिलाती है। यह पौष्टिकता से भरपूर भी है।
आयुर्वेद दिल को मजबूत करने के लिए कई दवाएं प्रदान करता है, जिनमें से एक है दूध और पानी में अर्जुन के छाल के काढ़े के साथ प्रभाकर वटी। इससे नॉक्टुरिया से राहत मिलेगी।


Comments

2 responses to “नौक्चुरिया”

  1. Shivnath Das Avatar
    Shivnath Das

    Not blader but heart, brain ? Any authentic documental proof ?

    1. Ayurvedic ancient texts say so.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *